एल्युमिनियम केबल की सही करंट कैरिंग कैपेसिटी (Current Carrying Capacity of Aluminium Cable) जानना हर इलेक्ट्रीशियन के लिए जरूरी है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि सही केबल कैसे चुनें, इसकी क्षमता किन कारकों पर निर्भर करती है, और वोल्टेज ड्रॉप से कैसे बचा जाए। जानिए सही लोड कैलकुलेशन और वायरिंग टिप्स ताकि आपकी इंस्टॉलेशन सुरक्षित और कुशल बनी रहे!
What is Current Carrying Capacity?
Current Carrying Capacity मतलब —
किसी cable की maximum current (Ampere) carrying limit बिना excessive heating के।
यह value safe limit को दर्शाती है ताकि insulation damage या fire का खतरा न हो।
Formula (Approximate):
I = k × A
जहाँ:
- I = Current carrying capacity (Ampere)
- k = Constant (depends on insulation & metal type)
- A = Cross-sectional area (sq.mm)
Factors Affecting Aluminium Cable Current Rating
- Cable Size (sq.mm) – जितना बड़ा cross-section, उतना ज़्यादा current carry कर सकता है।
- Installation Method – ओपन wiring की capacity ज़्यादा होती है, conduit (pipe) में कम।
- Ambient Temperature – ज्यादा तापमान पर cable कम current carry करती है।
- Length of Cable – लंबी cable में voltage drop ज़्यादा होता है।
- Insulation Type – PVC, XLPE या Rubber insulation के अनुसार ampacity बदलती है।
जब भी किसी इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन में केबल का चयन किया जाता है, तो उसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी (Current Carrying Capacity) को समझना बहुत जरूरी होता है। खासतौर पर एल्युमिनियम केबल का उपयोग कम लागत और हल्के वजन की वजह से कई जगहों पर किया जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि Current Carrying Capacity of Aluminium Cable क्या होती है और इसे कैसे सही तरीके से चुना जाए।
Current Carrying Capacity of Aluminium Cable
Current Carrying Capacity का मतलब है कि कोई केबल कितनी अधिकतम धारा (Ampere) वहन कर सकती है बिना ज्यादा गर्म हुए। यह कैपेसिटी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:
- केबल का क्रॉस-सेक्शनल एरिया (Square mm)
- तार की लंबाई और तापमान
- इंस्टॉलेशन का तरीका (ओपन या पाइप के अंदर)
- केबल की गुणवत्ता और प्रकार
Aluminium vs Copper Cable – Current Comparison
इलेक्ट्रीशियन को यह समझना जरूरी है कि कॉपर और Current Carrying Capacity of Aluminum Cable अलग-अलग होती है। सामान्यतः, एल्युमिनियम केबल की करंट कैरिंग कैपेसिटी कॉपर के मुकाबले कम होती है। उदाहरण के लिए:
| Cable size (sq.mm) | Copper (Amp) | Aluminum (Amp) |
| 2.5 sq.mm | 23-25 | 15-18 |
| 4 sq.mm | 30-32 | 22-25 |
| 6 sq.mm | 38-40 | 30-33 |
| 10 sq.mm | 52-55 | 38-40 |
| 16 sq.mm | 70-75 | 50-55 |
| 25 sq.mm | 90-100 | 65-70 |
| 35 sq.mm | 120-130 | 85-90 |
| 50 sq.mm | 150-160 | 110-120 |
Note: अगर आप Copper की जगह Aluminium use कर रहे हैं, तो लगभग 1.5 गुना बड़ी size की cable चुनें ताकि same ampacity मिले।
How to Choose Right Aluminium Cable Size
सही Aluminium Cable Size चुनना हर इलेक्ट्रीशियन के लिए बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि गलत साइज की केबल लगाने से ओवरलोडिंग, ओवरहीटिंग और वोल्टेज ड्रॉप जैसी समस्याएँ आ सकती हैं। सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि आपका कुल लोड (Total Load) कितना है। इसके लिए आप एक सरल formula इस्तेमाल कर सकते हैं —
Load (Ampere) = Total Watt ÷ Supply Voltage (230V या 415V)
उदाहरण के लिए, अगर आपका कुल लोड 9 kW है तो:
9000 ÷ 230 = लगभग 39 Amp
इसलिए आपको कम-से-कम 10 sq mm aluminium cable का उपयोग करना चाहिए।
अगर cable की लंबाई 50 मीटर से अधिक है, तो हमेशा एक साइज बड़ी केबल चुनें ताकि वोल्टेज ड्रॉप न हो।
इसके अलावा, wiring का तरीका भी बहुत मायने रखता है —
ओपन वायरिंग में current carrying capacity ज़्यादा होती है, जबकि कंड्यूट (pipe) में डाली गई केबल की capacity थोड़ी कम हो जाती है।
हमेशा Aluminium Lugs, Proper Tightening और branded accessories का इस्तेमाल करें, ताकि कनेक्शन ढीले न हों और heat generation कम रहे।
याद रखिए, सही केबल साइज चुनना न सिर्फ़ सुरक्षा बढ़ाता है, बल्कि पूरी electrical system की efficiency और life भी बढ़ाता है
Aluminum Cable चुनने के लिए महत्वपूर्ण बातें
- लोड कैलकुलेशन करें: पहले यह पता करें कि टोटल लोड (Amp) कितना है, फिर उसी के अनुसार केबल का चयन करें।
- वायरिंग का तरीका चुनें: ओपन वायरिंग में करंट कैरिंग कैपेसिटी ज्यादा होती है, जबकि कंड्यूट (Pipe) में डालने पर क्षमता कम हो जाती है।
- लंबाई का ध्यान रखें: अगर दूरी ज्यादा है, तो वोल्टेज ड्रॉप को ध्यान में रखकर मोटी केबल चुनें।
- एल्युमिनियम ल्यूग और फिटिंग्स का उपयोग करें: एल्युमिनियम तार को सही कनेक्शन देने के लिए अच्छे क्वालिटी के टर्मिनल और ल्यूग लगाएं।
Current Carrying Capacity of Aluminium Cable को समझना हर इलेक्ट्रीशियन के लिए बेहद जरूरी है। सही तार चुनने से ओवरलोडिंग और इलेक्ट्रिकल फॉल्ट से बचा जा सकता है। अगर आप किसी बड़े लोड के लिए वायरिंग कर रहे हैं, तो हमेशा current carrying capacity की टेबल देखकर सही वायर चुनें। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अन्य इलेक्ट्रीशियन और टेक्नीशियन भाइयों के साथ शेयर करें!
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