Current Carrying Capacity of Aluminium Cable – सही तार चुनने की पूरी गाइड

एल्युमिनियम केबल की सही करंट कैरिंग कैपेसिटी (Current Carrying Capacity of Aluminium Cable) जानना हर इलेक्ट्रीशियन के लिए जरूरी है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि सही केबल कैसे चुनें, इसकी क्षमता किन कारकों पर निर्भर करती है, और वोल्टेज ड्रॉप से कैसे बचा जाए। जानिए सही लोड कैलकुलेशन और वायरिंग टिप्स ताकि आपकी इंस्टॉलेशन सुरक्षित और कुशल बनी रहे!

current carrying capacity of aluminium cable
Current Carrying Capacity of Aluminium Cable

जब भी किसी इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन में केबल का चयन किया जाता है, तो उसकी करंट कैरिंग कैपेसिटी (Current Carrying Capacity) को समझना बहुत जरूरी होता है। खासतौर पर एल्युमिनियम केबल का उपयोग कम लागत और हल्के वजन की वजह से कई जगहों पर किया जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि Current Carrying Capacity of Aluminium Cable क्या होती है और इसे कैसे सही तरीके से चुना जाए।

Current Carrying Capacity of Aluminium Cable

Current Carrying Capacity​ का मतलब है कि कोई केबल कितनी अधिकतम धारा (Ampere) वहन कर सकती है बिना ज्यादा गर्म हुए। यह कैपेसिटी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे:

  • केबल का क्रॉस-सेक्शनल एरिया (Square mm)
  • तार की लंबाई और तापमान
  • इंस्टॉलेशन का तरीका (ओपन या पाइप के अंदर)
  • केबल की गुणवत्ता और प्रकार

Aluminum Cable और  Copper Cable में अंतर

इलेक्ट्रीशियन को यह समझना जरूरी है कि कॉपर और Current Carrying Capacity of Aluminum Cable अलग-अलग होती है। सामान्यतः, एल्युमिनियम केबल की करंट कैरिंग कैपेसिटी कॉपर के मुकाबले कम होती है। उदाहरण के लिए:

Cable size (sq.mm)Copper (Amp)Aluminum (Amp)
2.5 sq.mm23-2515-18
4 sq.mm30-3222-25
6 sq.mm38-4030-33
10 sq.mm52-5538-40
16 sq.mm70-7550-55
25 sq.mm90-10065-70
35 sq.mm120-13085-90
50 sq.mm150-160110-120

अगर किसी जगह एल्युमिनियम केबल का उपयोग किया जा रहा है, तो उसे कॉपर से 1.5 गुना बड़ा चुनना चाहिए ताकि सही करंट कैरिंग कैपेसिटी मिल सके।

Aluminum Cable चुनने के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • लोड कैलकुलेशन करें: पहले यह पता करें कि टोटल लोड (Amp) कितना है, फिर उसी के अनुसार केबल का चयन करें।
  • वायरिंग का तरीका चुनें: ओपन वायरिंग में करंट कैरिंग कैपेसिटी ज्यादा होती है, जबकि कंड्यूट (Pipe) में डालने पर क्षमता कम हो जाती है।
  • लंबाई का ध्यान रखें: अगर दूरी ज्यादा है, तो वोल्टेज ड्रॉप को ध्यान में रखकर मोटी केबल चुनें।
  • एल्युमिनियम ल्यूग और फिटिंग्स का उपयोग करें: एल्युमिनियम तार को सही कनेक्शन देने के लिए अच्छे क्वालिटी के टर्मिनल और ल्यूग लगाएं।

Current Carrying Capacity of Aluminium Cable को समझना हर इलेक्ट्रीशियन के लिए बेहद जरूरी है। सही तार चुनने से ओवरलोडिंग और इलेक्ट्रिकल फॉल्ट से बचा जा सकता है। अगर आप किसी बड़े लोड के लिए वायरिंग कर रहे हैं, तो हमेशा current carrying capacity की टेबल देखकर सही वायर चुनें। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अन्य इलेक्ट्रीशियन और टेक्नीशियन भाइयों के साथ शेयर करें!

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