दो Contactor Interlocking Connection कैसे करें

अगर आप इलेक्ट्रिकल फील्ड में नए हैं और सीखना चाहते हैं कि दो contactor की interlocking कैसे की जाती है तो यह गाइड आपके लिए है। जानिए Contactor Interlocking Connection उपयोग और पूरा स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस।

Contactor Interlocking क्या होता है?

Contactor Interlocking एक electrical safety technique है जिसका उपयोग दो या अधिक contactors के बीच ऐसा कनेक्शन बनाने में किया जाता है जिससे एक समय में केवल एक ही contactor काम करे। इसका मुख्य उद्देश्य मोटर या अन्य लोड को डबल पावर सप्लाई, ओवरलोडिंग, और शॉर्ट सर्किट जैसी समस्याओं से बचाना होता है।

जब किसी मोटर को Forward-Reverse, Star-Delta या किसी और switching method से चलाया जाता है, तब दो contactors इस्तेमाल किए जाते हैं। अगर दोनों एक साथ चालू हो जाएं, तो यह मोटर को जला सकते हैं या पैनल में फॉल्ट ला सकते हैं। इसी खतरे से बचने के लिए Contactor interlocking connection किया जाता है, जिससे यदि एक contactor चालू है तो दूसरा अपने-आप बंद रहेगा।

Contactor Interlock Wiring Diagram

नीचे दिए गए वायरिंग डायग्राम को ध्यान से देखें। यह डायग्राम आपको इंटरलॉकिंग की पूरी प्रक्रिया समझने में मदद करेगा।

Contactor Interlocking Wiring Diagram
Contactor Interlocking Connection diagram

इस वायरिंग डायग्राम में बताया गया है कि दो कॉन्टैक्टर्स को आपस में इंटरलॉक कैसे किया जाता है ताकि एक के चलने पर दूसरा न चले। इसे ध्यान से समझें और अपने प्रैक्टिकल कार्य में अपनाएं।

Contactor Interlocking Connection – सरल तरीका

अब चलिए दो कॉन्टैक्टर्स की इंटरलॉकिंग करना सीखते हैं। यहाँ हम दो कॉन्टैक्टर्स का उपयोग करेंगे और प्रत्येक के साथ एक-एक NO (Normally Open) और NC (Normally Closed) स्विच लगाएंगे। इंटरलॉकिंग वायरिंग करने के लिए सबसे पहले न्यूट्रल वायर को दोनों कॉन्टैक्टर्स के A2 टर्मिनल में कनेक्ट करें।

अब फेस वायर को एक एमसीबी या स्विच से होते हुए दोनों NO स्विच तक ले जाएं। पहले कॉन्टैक्टर के NO स्विच से वायर निकालकर दूसरे कॉन्टैक्टर के NC टर्मिनल में जोड़ें। फिर इस NC का आउटपुट वायर लेकर पहले कॉन्टैक्टर के A1 टर्मिनल से कनेक्ट करें।

इसी तरह, दूसरे कॉन्टैक्टर के NO स्विच से फेस वायर को पहले कॉन्टैक्टर के NC टर्मिनल में जोड़ें और फिर उस NC का आउटपुट वायर लेकर दूसरे कॉन्टैक्टर के A1 टर्मिनल में जोड़ें। इस प्रकार, यदि एक कॉन्टैक्टर चालू होता है, तो दूसरा कॉन्टैक्टर इंटरलॉकिंग की वजह से चालू नहीं हो पाएगा। यह सुरक्षा और सिस्टम की सिंगल ऑपरेशन को सुनिश्चित करता है।


Contactor Interlocking Connection एक अत्यंत आवश्यक तकनीक है जो दो कॉन्टैक्टर्स के बीच सुरक्षित और नियंत्रित संचालन सुनिश्चित करती है। इस प्रक्रिया में NO और NC सहायक संपर्कों का उपयोग कर यह व्यवस्था की जाती है कि एक कॉन्टैक्टर के चालू होने पर दूसरा अपने आप लॉक हो जाए। इससे दो विपरीत क्रियाओं को एक साथ चालू होने से रोका जाता है, जिससे शॉर्ट सर्किट, ओवरलोड या अन्य विद्युत दुर्घटनाओं की संभावना नहीं रहती।

यह तकनीक खासतौर पर मोटर फॉरवर्ड-रिवर्स, जनरेटर और ग्रिड के बीच शिफ्टिंग, और मल्टी-सोर्स कंट्रोल सिस्टम्स में अत्यंत प्रभावी होती है। सही ढंग से की गई इंटरलॉकिंग वायरिंग न केवल सिस्टम की कार्यक्षमता को बढ़ाती है, बल्कि उपकरणों की लाइफ और ऑपरेटर की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।

अतः इंटरलॉकिंग एक स्मार्ट, सेफ और आवश्यक समाधान है, जो Contactor Interlocking Connection हर प्रोफेशनल इलेक्ट्रिशियन को आना चाहिए।

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