घर, ऑफिस या किसी भी इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन में स्विच, सॉकेट और इंडिकेटर का सही कनेक्शन बहुत ज़रूरी होता है। यदि वायरिंग गलत की जाए तो शॉक और शॉर्ट-सर्किट का खतरा बढ़ जाता है। इस पोस्ट में हम 1 switch 1 socket 1 indicator connection diagram को विस्तार से समझेंगे।
Role of switches, sockets and indicators
Switch (स्विच): इसका मुख्य काम किसी उपकरण को ON/OFF करना होता है। इसमें हमेशा फेज़ (Phase) वायर जोड़ा जाता है ताकि बिजली को सुरक्षित तरीके से नियंत्रित किया जा सके।
Socket (सॉकेट): विभिन्न उपकरणों को पावर देने के लिए उपयोग होता है। इसमें फेज़, न्यूट्रल और अर्थ – तीनों वायर सही टर्मिनल में जोड़े जाते हैं।
Indicator (इंडिकेटर): यह बिजली की उपस्थिति दिखाता है। इसे आमतौर पर फेज़ और न्यूट्रल से जोड़ा जाता है ताकि जैसे ही सप्लाई आए, इंडिकेटर जल उठे।
अब आप समझ गए होंगे कि 1 switch 1 socket 1 indicator connection diagram किस तरह से काम करता है। इस तरह की बेसिक प्रैक्टिस करने से आपकी पकड़ वायरिंग में मजबूत होगी और आप भविष्य में किसी भी हाउस वायरिंग बोर्ड को आसानी से बना पाएंगे।
1 Switch 1 Socket 1 Indicator Connection Diagram
अब आप इस डायग्राम को देखकर घर या प्रैक्टिकल बोर्ड पर आसानी से कनेक्शन कर सकते हैं।
Working of Circuit Diagram
इस सर्किट में मुख्य पावर सप्लाई का फेज़ (Phase) वायर सबसे पहले इंडिकेटर लाइट से जोड़ा जाता है। इंडिकेटर से यह वायर आगे बढ़कर स्विच के इनपुट टर्मिनल में जाता है। जब स्विच ऑन किया जाता है, तो इसका आउटपुट सीधे सॉकेट के L (Live) टर्मिनल को सप्लाई देता है। इसी प्रकार मुख्य पावर सप्लाई का न्यूट्रल (Neutral) वायर सीधे सॉकेट के N टर्मिनल और इंडिकेटर की न्यूट्रल टर्मिनल से जोड़ा जाता है। सुरक्षा के लिए अर्थ (Earth) वायर को सॉकेट के E टर्मिनल से जोड़ना आवश्यक है। इस तरह का कनेक्शन सुरक्षित, आसान और प्रैक्टिकल है, जिसे हर इलेक्ट्रिशियन और ITI स्टूडेंट को अच्छी तरह समझना चाहिए।
अब आप समझ गए होंगे कि 1 switch 1 socket 1 indicator connection diagram किस तरह से काम करता है। इस तरह की बेसिक प्रैक्टिस करने से आपकी पकड़ वायरिंग में मजबूत होगी और आप भविष्य में किसी भी हाउस वायरिंग बोर्ड को आसानी से बना पाएंगे। और हाँ, इलेक्ट्रिकल और वायरिंग से जुड़ी ऐसी ही जरूरी और प्रैक्टिकल जानकारी पाने के लिए आप हमारी Electrician Guide Book पढ़ सकते हैं। इसमें आपको बेसिक से लेकर एडवांस लेवल तक के टिप्स, डायग्राम और स्टेप-बाय-स्टेप गाइड मिलेंगे, जो आपके काम को आसान और सुरक्षित बनाएंगे।